Poem – Migrant Labourers
तब , मज़दूर हालात ने बनाया था ... आज , मजबूर सरकार ने बना दिया ... मैं तो निकला था पैदल अपने घर के लिए “हर्ष “.... मुझे ,…
तब , मज़दूर हालात ने बनाया था ... आज , मजबूर सरकार ने बना दिया ... मैं तो निकला था पैदल अपने घर के लिए “हर्ष “.... मुझे ,…